टैरिफ विवाद से बढ़ा तनावअमेरिका ने इस्पात और एल्यूमीनियम पर सुरक्षा शुल्क 25% से बढ़ाकर 50% कर दिए। इसके बाद भारत ने WTO में अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशोधी शुल्क लगाने का प्रस्ताव संशोधित किया। यह नीति 2018 में ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर लागू की थी।
राजस्व बढ़ाने की रणनीतिWTO सदस्यों को भेजे प्रस्ताव में भारत ने कहा कि वह उत्पादों और शुल्क दरों में बदलाव कर सकता है। पहले भारत ने मई 12 के नोटिस में $1.91 बिलियन शुल्क वसूलने की बात कही थी, जो अब बढ़ाकर $3.82 बिलियन कर दी गई है।
भारतीय निर्यात की सुरक्षाअमेरिका के नए शुल्क से भारत के $7.6 बिलियन के निर्यात पर असर पड़ेगा। भारत ने प्रस्तावित शुल्क से अमेरिकी उत्पादों से बराबर रक म वसूलने की योजना बनाई है, ताकि नुकसान की भरपाई हो सके।
पुराना विवाद, नई उम्मीदें2019 में भी भारत ने अमेरिकी बादाम, अखरोट जैसे 28 उत्पादों पर शुल्क लगाया था। साथ ही WTO में आधिकारिक शिकायत भी दर्ज की थी, जो अब तक लंबित है।
द्विपक्षीय बातचीत की पृष्ठभूमियह कदम उस समय आया है जब भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत चल रही है। भारतीय अधिकारी अगले हफ्ते वॉशिंगटन जाएंगे, जहां दोनों पक्ष समाधान खोजने की कोशिश करेंगे।
भारतीय उद्योग की सुरक्षाअमेरिका के नए शुल्क से भारतीय इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पाद महंगे हो जाएंगे। भारत का जवाब WTO नियमों के तहत दिया गया संतुलित कदम है, जिससे घरेलू उद्योग को बचाया जा सके।
राजस्व से बनेगा दबावभारत के संशोधित प्रस्ताव से $3.82 बिलियन शुल्क आएगा। यह रकम नुकसान की भरपाई करेगी और अमेरिका से बातचीत में भारत की स्थिति मजबूत करेगी।
कूटनीति का महत्वWTO प्रक्रिया के बावजूद, असली हल अक्सर सीधी बातचीत से ही निकलता है। भारत का कदम दिखाता है कि वह अपने व्यापार हितों की रक्षा के लिए तैयार है।
मुख्य बातें
• अमेरिका द्वारा इस्पात और एल्यूमीनियम पर शुल्क 25% से बढ़ाकर 50% करने के बाद भारत ने WTO प्रस्ताव संशोधित किया।• नया लक्ष्य: अमेरिकी उत्पादों पर $3.82 बिलियन शुल्क वसूलना।• इस कदम से भारतीय निर्यात के $7.6 बिलियन प्रभावित होंगे।• यह कार्रवाई द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत के दौरान की गई है।
FerrumFortis
भारत का व्यापारिक प्रतिकार: अमेरिका के शुल्क पर कड़ा जवाब
2025年7月11日星期五
सारांश: -
अमेरिका द्वारा इस्पात और एल्यूमीनियम पर सुरक्षा शुल्क 25% से बढ़ाकर 50% करने के बाद, भारत ने विश्व व्यापार संगठन के तहत प्रतिशोधी शुल्क प्रस्ताव को संशोधित किया है। इस कदम का असर लगभग $7.6 बिलियन के भारतीय निर्यात पर पड़ेगा और भारत अमेरिकी उत्पादों से $3.82 बिलियन शुल्क वसूलने की योजना बना रहा है। यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत के बीच किया गया रणनीतिक कदम है।
